ॐ काली,
मैं हूँ कालीपुत्र कालीचरण महाराज

कालीचरण महाराज का असली नाम अभिजीत धनंजय सराग है। महाराष्ट्र के अकोला के शिवाजी नगर में जन्मे, वे शिव और माँ काली के प्रखर भक्त हैं। लाल वस्त्र धारण करना और मस्तक पर लाल तिलक लगाना उनकी पहचान है। “शिव तांडव स्तोत्र” के उनके गायन ने पूरे देश को मंत्रमुग्ध कर दिया था और सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से वायरल हुआ।

Kalicharan Maharaj
ॐ काली

हमारी सेवाएँ

देवी भागवत

देवी भागवत

देवी की महिमा, शक्ति और भक्तिभाव से भरा दिव्य पाठ जो जीवन में ऊर्जा और सकारात्मकता लाता है।

शिव तांडव

शिव तांडव

महादेव के उग्र रूप का अद्भुत स्तुति-पाठ जो मन, आत्मा और चेतना को प्रचंड ऊर्जा देता है।

महिषासुर मर्दिनी

महिषासुर मर्दिनी

माँ दुर्गा की दैवी विजय का दिव्य पाठ जो साहस, सुरक्षा और सकारात्मकता का संचार करता है।

काली अगस्तेश्वर महायज्ञ

काली अगस्तेश्वर महायज्ञ

माँ काली की उपासना से सिद्धि, सुरक्षा और शक्ति प्रदान करने वाला अत्यंत प्रभावशाली अनुष्ठान।

व्याख्यान

व्याख्यान

धर्म, अध्यात्म और समाज पर ज्ञानवर्धक प्रवचन जो जीवन में स्पष्टता और आत्मबल बढ़ाते हैं।

धर्म सभा

धर्म सभा

सनातन संस्कृति, धर्मरक्षा और राष्ट्रधर्म पर प्रेरणादायक विचार-विमर्श व जागरण।

ॐ काली

कालीपुत्र कालीचरण महाराज — जीवन परिचय

KaliCharan Maharaj

कालिपुत्र कालीचरण जी महाराज का जन्म महाराष्ट्र के अकोला जनपद में २९ नवम्बर १९७७ को प्रातः ६:२९ बजे एक धर्मपरायण क्षत्रिय परिवार में हुआ। आपके पिता श्री धनंजय सराग प्रतिष्ठित M.Sc. एग्रीकल्चर ऑफिसर रहे हैं। माताजी कैलाशवासी सुनीता सराग जी परम शिवभक्त थीं।

परिवार में महाराज जी सबसे छोटे हैं और बचपन से ही आध्यात्मिक झुकाव अत्यंत प्रबल था। १० वर्ष की आयु में एक दुर्घटना में पैर टूटने पर स्वयं माँ काली ने चमत्कारिक रूप से पैर जोड़ दिया। उसी क्षण से महाराज जी पूर्णतः माँ काली को समर्पित हो गए।